Not known Details About बबूल के फायदे और नुकसान



दही में मिलाकर भी आप बबूल की गोंद को खा सकते हैं।

आप सब यह जानते है कि दांतो को साफ करने के लिए प्राकृतिक और सबसे अच्छा तरीका नीम के पेड़ की टहनी से दातुन करना है लेकिन क्या आप यह जानते है की बबूल की टहनी से दातुन करना हमारे दांतो के लिए कितना फायदेमंद साबित हो सकता है।

बबूल की गोंद का सेवन आप कई प्रकार से कर सकते हैं जैसे के। 

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बबूल की गोंद का सेवन करने से यौन स्वास्थ्य ,मधुमेह, कैंसर, वजन कम करने या वजन बढ़ाना, तनाव ऐसी समस्या दूर करने के लिए भी किया जा सकता है। 

बकरी के दूध या फिर एक चम्मच शहद के साथ बबूल के पंचांग का चूर्ण मिलाकर सेवन करने से टूटी हुई हड्डी जुड़ने लगती है। अस्थिभंग की समस्या में बबूल के बीज को पीसकर शहद के साथ सेवन करने से लाभ मिल सकता है।

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बबूल की गोंद को पानी में डालकर सेवन किया जा सकता है।

बबूल की दो प्रजातियां होती हैं। जिनमें से एक होती है श्वेत खदिरी या त्रिकंटकी और दूसरी क्षुद्र किंकिरात या क्षुद्र बर्बुर।

आजकल हर कोई तनाव की समस्या से परेशान है लेकिन कीकर का गोंद इसके प्रभाव को कम करने में बहुत ही लाभदायक होता है क्योंकि इसमें प्रचुर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो तनाव को कम करने में मददगार होते हैं।

यदि आपको यह लेख ज्ञानवर्धक एवं उपयोगी लगा हो तो इसे अपने मित्र संबंधियों एवं सोशल मीडिया पर अवश्य साझा करें। तथा दूसरों को भी बबूल के वृक्ष अथवा वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित करें।

यह लम्बा, झाड़ीदार और कांटेदार वृक्ष होता है। इसके कांटे लम्बे तथा तीखे होते हैं। इसके पत्ते बबूल के पत्तों जैसे होते हैं, लेकिन उससे कुछ बड़े और गहरे हरे रंग के होते है। इसके फूल पीले रंग के होते हैं। इसकी फलियां लम्बी होती हैं। फलियां कच्ची अवस्था में हरे रंग की, चपटी तथा मुड़ी हुई होती हैं।

इसके एंटीबैक्टीरियल व एंटीडायबिटिक गुण गठिया और बवासीर जैसे कई रोगों के इलाज में फायदेमंद हैं. गुलमोहर के more info फूलों का अधिक सेवन अस्थमा रोग में नुकसानदायक हो सकता है.

इसके सेवन से शरीर मे सूजन की समस्या भी हो सकती है।

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